New Delhi : Prime Minister Narendra Modi today responds to President’s speech in parliament. In his speech PM clearly said that distance and online education is essential for strong India . He said that india is the youngest country in the world and have 65 percent population under the 35 years of age. There is great need of education and training and we can achieve through distance education.
In his speech Modi said, “ there may not be good teachers in the villages but technology enables us to teach children in villages through satellite.” He said ,” We have many agricultural universities, and a lot of research is being done. But the sad thing is, what is there is the lab is not there on the land.
Emphasising its priority on training and technology Modi said ,” we need to concentrate on skill development. China is growing old, we are growing young.
He said India’s identity in the world right now is ‘Scam India’ we need to change it to ‘Skilled India’
Modi said One needs capability and talent to progress, only a certificate is not enough. The entire world needs workforce today. Can’t we export teachers and doctors? A businessmen will bring back dollars, a teacher will bring back an entire generation.
President too said while addressing a joint session of parliament,” My government will strive to transition from Youth Development to Youth-led Development. It will set up Massive Open Online Courses and virtual classrooms. He said,” We must equip and nurture our youth with the right kind of education, skill-set and opportunity to reap this demographic dividend.
In his address, which enlisted the agenda of Narendra Modi Government for the next five years, Mukherjee said, “With the motto of “Har Haath Ko Hunar”, my government will strive to break the barriers between formal education and skill development, and put in place a mechanism to give academic equivalence to vocational qualifications. With the goal of Skilled India, my government will also launch a National Multi-skill Mission.
मोदी सरकार की प्राथमिकता डिस्टेंस और ऑनलाइन एजुकेशन
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिस्टेंस और ऑनलाइन शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि इसके जरिए गांव के आखिरी छोर तक के बच्चों को उत्तम से उत्तम शिक्षा दी जा सकती है.
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि गांवों में अच्छे टीचर भले ही न हो लेकिन विज्ञान और तकनीक के माध्यम से शहर में बैठकर उत्तम से उत्तम शिक्षक के माध्यम से गांव के आखिरी बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा की व्यवस्था की जा सकती है.
भाषण के दौरान मोदी ने पूछा कि क्या गांव के लोगों को आधुनिक सुविधाओं से वंचित रखा जा सकता है ? सैटेलाइट और ब्रॉडबैंड कनेक्टिवटी के जरिए शिक्षा का व्यापक विस्तार किया जा सकता हैं जिससे गांव देहात में बैठे युवाओं को भी क्वालिटी एजुकेशन दी जा सके.
प्रधानमंत्री ने अपनी स्पीच के दौरान ये भी कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है जहां 65 फीसदी आबादी 35 साल के कम उम्र की है. लिहाजा जरूरत है युवाओं को बड़े पैमाने पर स्किल ट्रेनिंग की. उन्होंने साफ कहा कि युवाओं को सार्टिफिकेट नहीं हुनर की जरूरत है.
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि आज स्कैम इंडिया के बजाय स्किल इंडिया की ज्यादा जरुरत है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि देश में बहुत सारे एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हैं और लैब में काफी रिसर्च हो रहे हैं लेकिन लैब की बात लैंड पर लाने की जरुरत है.
इससे पहले सोमवार को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी डिस्टेंस और ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व का ऐसा देश है जिसमें युवाओं की जनसंख्या सर्वाधिक है. हमें ‘‘आबादी के लाभांश’’ का फायदा उठाने के लिए अपने युवाओं को सही शिक्षा, कौशल और अवसरों से सुसज्जित करना होगा. मेरी सरकार केवल ‘युवा विकास’ की संकल्पना की बजाए ‘युवा विकास व्यवस्था प्रदान करेगी. सरकार मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सिस और वर्च्युअल कक्षाएं तैयार करेगी. हमारी शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्ता, अनुसंधान और नवीन-प्रक्रिया में उत्पन्न कठिनाइयों को दूर करने के लिए सरकार, एक राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि हम प्रत्येक राज्य में आईआईटी और आईआईएम स्थापित करेंगे.
राष्ट्रपति ने कहा कि स्कूली अध्यापकों और छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ई-लाइब्रेरी स्थापित की जाएगी. मेरी सरकार ‘‘हर हाथ को हुनर’’ के उद्देश्य से औपचारिक शिक्षा और कौशल विकास के बीच की बाधाओं को दूर करने का प्रयास करेगी और ऐसी व्यवस्था बनाएगी जिसमें व्यावसायिक योग्यताओं को अकादमिक समानता दी जाएगी. मेरी सरकार ‘हुनरमंद भारत’के लक्ष्य से ‘‘नेशनल मल्टी स्किल मिशन’’ भी शुरू करेगी.
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने नई सरकार के एजेंडे को साफ करते हुए स्पष्ट किया कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हरसंभव कोशिश की जाएगी. देश के विकास में शिक्षा का अहम योगदान है और इसी की झलक दोनों के भाषण में भी दिखा. सवाल ये है कि आखिर नई सरकार डिस्टेंड और ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा क्यों देना चाहती है. एक्सपर्ट की मानें तो भारत विश्व का सबसे युवा देश है और देश के विकास के लिए जरूरी है कि यहां के युवाओं को बडे पैमाने पर शिक्षा और ट्रेनिंग दी जाएं लेकिन सरकार के पास इतने संसाधन नहीं है लिहाजा तकनीक के माध्यम से छात्रों को उत्तम शिक्षा दी जा सकती है.
पिछले सालों में दूरस्थ शिक्षा को लेकर देश में कई कठिनाइयां सामने आई है. दूरस्थ शिक्षा परिषद, डिस्टेंस एजुकेशन की सुप्रीम बॉडी थी लेकिन इसके फैसले को लेकर कई बार सवाल उठाए गए. अब दूरस्थ शिक्षा परिषद को यूजीसी से जोड़ दिया गया है और नए तरीके के नियम कानून बनाए जा रहे हैं. डिस्टेंड एजुकेशन को लेकर अधिकारियों के फैसले काफी संदेहहास्पद रहे हैं कभी चलाने की इजाजत दी गई तो कभी बैन लगा दिया गया. यानि अब तक दूरस्थ शिक्षा अधिकारियों की मनमर्जी पर चलता रहा है.
इसके अलावा नई सरकार की प्राथमिकता रोजगार जेनेरेट करने की है. डिस्टेंड और ऑनलाइन एजुकेशन के जरिए हजारों युवाओं को रोजगार मिला हुआ है साथ ही यह युवाओं के भविष्य बनाने में भरपूर मदद कर रहा हैं हालांकि एक्सपर्ट यह जरूर मानते हैं कि सरकार के नियमों के खिलाफ जाने वाले संस्थानों को दंडित किया जाना चाहिए लेकिन जो लोग काम कर रहे हैं उन्हें काम करने की इजाजत दी जानी चाहिए.
Source: vidyaexpress.com